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भारत-रूस संबंध 2025: पुतिन की दिल्ली यात्रा से मजबूत होती कूटनीति

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत और रूस के बीच दशकों पुराना राजनयिक संबंध 2025 में एक नए मोड़ पर पहुंच गया, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आए। यह यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी गई, क्योंकि दुनिया की भू-राजनीतिक स्थिति लगातार बदल रही है और ऐसे समय में दोनों देशों का एक साथ मंच साझा करना वैश्विक संतुलन की दिशा में बड़ा कदम माना गया। भारत ने हमेशा से अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर जोर दिया है, और पुतिन की यह यात्रा उस नीति को और अधिक मजबूती देती है। शिखर सम्मेलन के दौरान कई क्षेत्रों में सहयोग, समझौते और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत चर्चा हुई, जिनका प्रभाव आने वाले वर्षों तक भारत की अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर दिखाई देगा। सबसे अधिक ध्यान रक्षा क्षेत्र के सहयोग पर केंद्रित रहा। भारत और रूस सुरक्षा साझेदारी को कई वर्षों से जारी रखे हुए हैं, और यह संबंध दोनों देशों की रणनीतिक प्राथमिकताओं का हिस्सा है। इस यात्रा के दौरान वायु रक्षा, मिसाइल प्रणालियों और संयुक्त उत्पादन जैसे विषय प्रमुख रहे। रूस ने भारत के रक्षा आधुनिकीकरण में लंबे समय से ...

पुतिन की दिल्ली यात्रा 2025 और भारत रूस संबंधों का नया मोड़

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 2025 में दिल्ली यात्रा भारत और रूस के संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखी जा रही है। लंबे समय से चली आ रही भारत रूस रणनीतिक साझेदारी को नए स्तर तक ले जाने के उद्देश्य से यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। वैश्विक राजनीति में तेजी से हो रहे बदलाव, रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव, ऊर्जा संकट और नए अंतरराष्ट्रीय समीकरणों के दौर में इस यात्रा का अलग ही महत्व है। भारत अपनी स्वतंत्र कूटनीति और संतुलनकारी भूमिका को बनाए रखते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक स्थिर और विश्वसनीय साझेदार के रूप में उभरा है। ऐसे माहौल में पुतिन का भारत आना यह संकेत देता है कि दोनों देशों के रिश्ते अभी भी मजबूत और भरोसे पर आधारित हैं। इस बार की बैठक में रक्षा क्षेत्र सबसे प्रमुख विषय है। दशकों से भारत रूस का प्रमुख रक्षा सहयोगी रहा है और भारत की कई महत्वपूर्ण सैन्य प्रणालियाँ रूस से जुड़ी हैं। मौजूदा समय में भारत वायु सुरक्षा, मिसाइल रक्षा तंत्र, जासूसी तकनीक और आधुनिक सैन्य उपकरणों के स्थानीय उत्पादन पर जोर दे रहा है। इस यात्रा में दोनों देश...

पुतिन की दिल्ली यात्रा 2025 और भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिल्ली यात्रा 2025 भारत और रूस के बीच दशकों पुराने संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने का अवसर बनकर उभरी है। इस दौर के वैश्विक राजनीतिक परिवर्तनों के बीच पुतिन का दौरा न केवल द्विपक्षीय मुद्दों पर बात करने का मंच देगा बल्कि रणनीतिक, आर्थिक और ऊर्जा सुरक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में समझौतों को मजबूत करने का भी अवसर प्रदान करेगा। भारत अपनी बहुपक्षीय विदेश नीति को कायम रखते हुए ऐसे समय में भी विविध साझेदारियाँ आगे बढ़ाने का संदेश दे रहा है। यात्रा के एजेंडे में रक्षा सहयोग प्रमुख है। भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से सहयोग चला आ रहा है और इस दौरे में हवाई रक्षा प्रणालियों, मैन्युफैक्चरिंग साझेदारी और रक्षा उत्पादन में स्थानीयकरण जैसे विषय प्रमुख रूप से सामने आएंगे। दोनों देशों के बीच तकनीकी सहयोग के जरिये भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को सुदृढ़ करने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। इसी के साथ कॉमन रीसर्च और सह-निर्माण परियोजनाएँ दोनो पक्षों के हित में होंगी और यह दोनों देशों की सैन्य तैयारी को नए आयाम दे सकता है। ऊर्जा सुरक...

भारत में एआई क्रांति: 2027 तक कैसे बदल जाएगा आम लोगों का जीवन

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई का विस्तार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है और 2027 तक इसका प्रभाव आम लोगों के जीवन पर पहले से कहीं अधिक व्यापक होने वाला है। एआई केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि आने वाले समय की सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक संरचना को बदलने वाली शक्ति बन चुका है। आज के भारत में जिस तरह मोबाइल इंटरनेट, डिजिटल भुगतान और ऑनलाइन सेवाओं ने आम नागरिकों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया है, ठीक उसी तरह एआई आने वाले वर्षों में जीवन के लगभग हर क्षेत्र को नई दिशा देने वाला है। हेल्थकेयर से लेकर शिक्षा तक, खेती से लेकर नौकरी के नए अवसरों तक और सरकारी सेवाओं से लेकर व्यक्तिगत जीवन की सुविधाओं तक, एआई का प्रभाव हर जगह बेहद स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगेगा। भारत में लोग जिस सबसे बड़े परिवर्तन को महसूस करेंगे, वह होगा स्मार्ट सेवाओं का विस्तार। 2027 तक सरकारी दफ्तरों की ज्यादातर सेवाएँ एआई आधारित सिस्टम पर चलने लगेंगी। ऑनलाइन शिकायत प्रणाली, दस्तावेज़ सत्यापन, पहचान से जुड़े कार्य और विभिन्न योजनाओं के आवेदन जैसे सामान्य कार्य पहले से कई गुना तेज़, सरल और पा...

2026 में भारत के विदेशी संबंधों की नई दिशा

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  वर्ष 2026 भारत की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए एक निर्णायक समय साबित हो सकता है। जिस तरह भारत 2025 में वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति मजबूत कर चुका है, 2026 उस यात्रा का आगे का विकास होगा। बदलते भू-राजनीतिक माहौल, आर्थिक प्रतिस्पर्धा, उभरती तकनीकों और वैश्विक गठबंधनों के पुनर्संरचना के बीच भारत अपने कूटनीतिक प्रयासों को नए दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ा सकता है। यह वह समय होगा जब देश विश्व में न केवल एक बड़ा बाजार या जनसंख्या शक्ति के रूप में जाना जाएगा, बल्कि एक ऐसी नेतृत्वकारी शक्ति के रूप में भी उभरेगा जो वैश्विक मुद्दों पर संतुलित और प्रभावी भूमिका निभा सके। 2026 में भारत का सबसे प्रमुख फोकस व्यापक रणनीतिक साझेदारियों को और मजबूत करना होगा। अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ तकनीकी और रक्षा सहयोग आगे भी बढ़ेगा। विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम तकनीक, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष मिशन जैसे क्षेत्रों में भारत की भागीदारी अधिक गहरी हो सकती है। अमेरिका के साथ बढ़ती साझेदारी न केवल सैन्य शक्ति को बढ़ाएगी, बल्कि डिजिटल और आर्थिक सहयोग के नए अवसर भ...

भारतीय युवाओं में बढ़ता स्टार्टअप कल्चर नई अर्थव्यवस्था की नींव

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत में स्टार्टअप कल्चर तेजी से उभर रहा है और इसकी सबसे बड़ी ताकत देश का युवा वर्ग है। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय युवाओं ने जिस ऊर्जा, नवाचार और जोखिम उठाने की क्षमता का प्रदर्शन किया है, उसने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की एक नई पहचान भी बनाई है। आज स्टार्टअप केवल एक व्यवसाय नहीं बल्कि एक विचारधारा बन चुका है, जहां युवा समस्याओं के समाधान के लिए रचनात्मक तरीके खोज रहे हैं और देश को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने की दिशा में योगदान दे रहे हैं। भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम के तेज विकास का मुख्य कारण तकनीकी पहुंच और डिजिटल इंडिया अभियान का विस्तार है। इंटरनेट और स्मार्टफोन के बड़े पैमाने पर प्रसार ने युवाओं को वैश्विक जानकारी, तकनीक और संसाधनों तक पहुंच प्रदान की है। पहले व्यवसाय शुरू करने के लिए भारी पूंजी और संसाधनों की आवश्यकता होती थी, लेकिन आज तकनीक की मदद से एक छोटा सा विचार भी बड़ी कंपनी का रूप ले सकता है। इसी कारण भारत के युवा अब पारंपरिक नौकरियों के बजाय उद्यमिता की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। सरकार ने भी स्टार्...

स्वास्थ्य क्षेत्र का भविष्य 2030 तक भारत की चिकित्सा क्रांति

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत का स्वास्थ्य क्षेत्र तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और 2030 तक इसमें एक व्यापक चिकित्सा क्रांति देखी जा सकती है। पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य अवसंरचना, डिजिटल तकनीक और चिकित्सा नवाचारों में जिस तरह की प्रगति हुई है, उससे यह साफ है कि आने वाले समय में भारत का स्वास्थ्य तंत्र न केवल अधिक सुदृढ़ होगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है। 2030 तक भारत का लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिले। आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से करोड़ों लोगों को चिकित्सा सुरक्षा मिली है और यह योजना आगे और मजबूत बन रही है। आने वाले वर्षों में इसका लाभ ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी व्यापक रूप से दिखाई देगा। डिजिटल हेल्थ मिशन भारत की स्वास्थ्य क्रांति का सबसे बड़ा आधार बनने जा रहा है। डॉक्टरों और अस्पतालों के लिए मरीजों का डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड उपलब्ध होना उपचार को अधिक त्वरित और बेहतर बनाता है। टेलीमेडिसिन ने दूरियों को खत्म कर दिया है और अब मरीज बड़े शहरों के विशेषज्ञ डॉक्टरों से भी अपने ...

युवा और राजनीति: नई पीढ़ी कैसे बदल रही है देश की दिशा

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत एक युवा देश है, जहां की आबादी का बड़ा हिस्सा 18 से 35 वर्ष की आयु के बीच है। यही युवा शक्ति आज देश की राजनीति में नई ऊर्जा, नई सोच और नए मूल्यों का संचार कर रही है। पहले राजनीति को केवल कुछ परिवारों या बुजुर्ग नेताओं की दुनिया माना जाता था, लेकिन अब नई पीढ़ी सक्रिय रूप से इस क्षेत्र में अपनी जगह बना रही है। सोशल मीडिया और डिजिटल युग ने युवाओं को पहले से कहीं अधिक जागरूक और प्रभावशाली बना दिया है। अब राजनीतिक चर्चा सिर्फ टीवी चैनलों या सभाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि हर मोबाइल स्क्रीन पर जारी है। युवा अपने विचार खुलकर रखते हैं, नेताओं से जवाब मांगते हैं और बदलाव की मांग करते हैं। यही राजनीतिक सक्रियता भारत के लोकतंत्र को और मजबूत बना रही है। पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और डिजिटल प्लेटफार्मों पर राजनीतिक बहसों में युवाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। अब यह पीढ़ी सिर्फ वोट डालने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि नीति निर्माण में भी योगदान देना चाहती है। युवाओं का मानना है कि राजनीति अब केवल सत्ता पाने का साधन नहीं बल्कि समाज सेवा और राष्ट्र ...

भारत में डिजिटल क्रांति: तकनीक ने कैसे बदली आम लोगों की ज़िंदगी

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत आज डिजिटल युग में एक नई पहचान बना चुका है। कभी जहां इंटरनेट और स्मार्टफोन केवल बड़े शहरों तक सीमित थे वहीं आज यह गांव-गांव तक पहुंच चुका है। यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं बल्कि एक सामाजिक क्रांति है जिसे डिजिटल इंडिया कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू हुआ यह अभियान आज देश की दिशा और दशा दोनों को बदल रहा है। डिजिटल क्रांति ने भारत के हर क्षेत्र में परिवर्तन की लहर ला दी है चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, व्यापार हो या शासन। पहले जहां सरकारी सेवाओं के लिए लोगों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता था अब वही काम कुछ ही सेकंड में मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए पूरे हो जाते हैं। डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन बैंकिंग, ई-गवर्नेंस और आधार कार्ड जैसी पहलों ने आम नागरिक को सशक्त बनाया है। यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत डिजिटल भुगतान में किसी भी विकसित देश से पीछे नहीं है। आज सब्जी बेचने वाला छोटा व्यापारी भी क्यूआर कोड स्कैन करके भुगतान लेता है। यही असली भारत की डिजिटल शक्ति है जहां तकनीक केवल अमीरों तक सीमित नहीं बल...

नरेंद्र मोदी का नेतृत्व: भारत के विकास की नई दिशा और जनकल्याण की सोच

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आज विश्व राजनीति में नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि का प्रतीक बन चुका है। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से उन्होंने देश की दिशा और सोच दोनों में एक ऐतिहासिक परिवर्तन लाया है। जहाँ पहले सरकारें योजनाएँ बनाती थीं, वहीं मोदी के नेतृत्व में भारत ने योजनाओं को ज़मीनी हकीकत में बदला है। उनका शासन केवल सत्ता तक सीमित नहीं, बल्कि एक "जन-आंदोलन" बन चुका है — जिसमें हर नागरिक देश के विकास में भागीदार है। नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी अच्छाई यह है कि वे जन-संवाद और जन-संपर्क की ताकत को समझते हैं। वे केवल प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक से सीधे जुड़ने वाले नेता हैं। “मन की बात” कार्यक्रम इसका सबसे सशक्त उदाहरण है, जिसने करोड़ों लोगों को सरकार की नीतियों से जोड़ा और देश को एक नई सोच दी। गरीबों के उत्थान और सबका साथ, सबका विकास की नीति ने मोदी सरकार को जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं ने समाज के अं...

भारत का अंतरिक्ष मिशन 2030: ISRO की नई उड़ानें और भारत की स्पेस ताकत का भविष्य

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मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम आज केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह देश की वैश्विक पहचान का प्रतीक बन चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पिछले दो दशकों में जो गति पकड़ी है, वह भारत को 2030 तक अंतरिक्ष क्षेत्र में अग्रणी राष्ट्रों की सूची में शामिल करने के लिए पर्याप्त है। अब जब पूरी दुनिया स्पेस रेस में आगे बढ़ रही है, भारत अपने ‘स्पेस मिशन 2030’ के तहत नई उड़ानें भरने के लिए तैयार है। ISRO की इस नई यात्रा की शुरुआत 2023 में चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता से हुई थी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग ने न केवल भारत को चौथा ऐसा देश बनाया जिसने चांद पर उतरने में सफलता पाई, बल्कि यह भी साबित किया कि भारतीय वैज्ञानिक सीमित बजट में भी असंभव को संभव बना सकते हैं। इसके बाद आदित्य-L1 मिशन ने सूर्य के अध्ययन में भारत को नई ऊंचाई दी। आने वाले समय में ISRO के मिशन और भी महत्वाकांक्षी हैं — जिनमें गगनयान, चंद्रयान-4, शुक्रयान, आदित्य-L2 और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BIS) शामिल हैं। गगनयान मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास का सबसे म...

2026 में भारत की वैश्विक छवि: उभरते भारत की नई पहचान और विश्व नेतृत्व की दिशा

मोहित गौतम (दिल्ली) :  2026 वह वर्ष हो सकता है जब भारत की वैश्विक पहचान अपने सबसे सशक्त रूप में सामने आएगी। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने आर्थिक, सैन्य, तकनीकी और कूटनीतिक मोर्चों पर जो उपलब्धियाँ हासिल की हैं, वे 2026 तक उसकी अंतरराष्ट्रीय स्थिति को “उभरते राष्ट्र” से “स्थायी वैश्विक शक्ति” में बदल सकती हैं। दुनिया अब भारत को केवल विकासशील देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक निर्णायक शक्ति (Global Decision Maker) के रूप में देखने लगी है। आर्थिक परिदृश्य की बात करें तो 2026 तक भारत के 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक GDP तक पहुँचने की संभावना है। विश्व बैंक और IMF की हालिया रिपोर्टों में भारत को “दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था” के रूप में चिन्हित किया गया है। मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रक्षा उद्योग और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की भूमिका अत्यंत सशक्त हो चुकी है। “मेक इन इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” की सफलता के कारण भारत अब न केवल निवेश आकर्षित कर रहा है, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन में एक विश्वसनीय भागीदार बन रहा है। राजनयिक दृष्टिकोण से , 2026 में भार...

2025 में भारत की वैश्विक छवि: विश्व मंच पर नई ताकत के रूप में उभरता भारत

मोहित गौतम (दिल्ली) :  साल 2025 भारत के लिए विश्व राजनीति और अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक साबित हो रहा है। आज भारत न केवल एशिया बल्कि विश्व मंच पर एक ऐसी शक्ति के रूप में उभरा है जिसे नज़रअंदाज़ करना किसी भी देश के लिए कठिन है। आर्थिक विकास की रफ्तार, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में सक्रिय भूमिका, रक्षा-सामर्थ्य और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियाँ — ये सब मिलकर भारत की वैश्विक छवि को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा रहे हैं। आर्थिक दृष्टि से , भारत अब विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, और 2025 तक उसके 3.7 ट्रिलियन डॉलर से अधिक GDP तक पहुँचने का अनुमान है। IMF और World Bank की रिपोर्टों के अनुसार भारत वह एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जो लगातार 6 % से अधिक की वृद्धि दर बनाए हुए है। ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी योजनाओं ने न केवल घरेलू उद्योगों को गति दी है बल्कि विदेशी निवेशकों का भरोसा भी मजबूत किया है। विदेशी कंपनियाँ अब चीन के विकल्प के रूप में भारत को “मैन्युफैक्चरिंग हब” के रूप में देखने लगी हैं। राजनयिक स्तर पर , भारत की भूमिका पहले...

क्लाउड सीडिंग तकनीक क्या है: कृत्रिम वर्षा से प्रदूषण और सूखे से राहत की उम्मीद

मोहित गौतम (दिल्ली) :  क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) यानी कृत्रिम वर्षा लाने की वैज्ञानिक तकनीक — यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बादलों के भीतर रासायनिक पदार्थ छोड़कर बारिश कराई जाती है। जब वातावरण में पर्याप्त नमी होती है लेकिन बादल वर्षा नहीं कर पाते, तब यह तकनीक बादलों को सक्रिय बनाकर कृत्रिम रूप से वर्षा उत्पन्न करती है। हाल के वर्षों में, भारत समेत कई देशों ने इसे प्रदूषण नियंत्रण, सूखे से राहत और जल संरक्षण के एक प्रभावी उपाय के रूप में अपनाना शुरू किया है। क्लाउड सीडिंग की शुरुआत 1946 में अमेरिका में हुई थी, जब वैज्ञानिक विंसेंट शेफ़र और बर्नार्ड वोनिग ने पहली बार सूखी बर्फ (Dry Ice) का उपयोग करके कृत्रिम वर्षा का सफल प्रयोग किया था। उस समय से लेकर आज तक यह तकनीक विकसित होती गई और अब इसमें अधिक सटीक उपकरण, विशेष विमान, और कंप्यूटर आधारित मौसम निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि जब वातावरण में मौजूद बादल पर्याप्त घने हों और उनमें जलवाष्प की मात्रा मौजूद हो, तब उन्हें वर्षा में परिवर्तित किया जा सके। इस प्रक्रिया में सामान्यतः सिल्वर आयोड...

भारत में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएँ: डिजिटल दुनिया की नई चुनौती

मोहित गौतम (दिल्ली) :  डिजिटल युग में भारत तेजी से इंटरनेट और स्मार्टफोन का उपयोग करने वाला देश बन गया है। इसी के साथ साइबर अपराध भी एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है। ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा चोरी, बैंकिंग फ्रॉड, फेक न्यूज, सोशल मीडिया उत्पीड़न और ransomware हमलों जैसी घटनाएँ लगातार बढ़ रही हैं। साइबर अपराध अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं; ग्रामीण और छोटे शहर भी इस खतरे की चपेट में आ रहे हैं। यह स्थिति न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए जोखिम है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरा पैदा करती है। भारत में साइबर अपराध की वृद्धि के कई कारण हैं। सबसे पहला कारण है डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन सेवाओं का बढ़ता उपयोग। डिजिटल पेमेंट, बैंकिंग ऐप्स, और ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से बड़ी संख्या में लेनदेन होने लगे हैं। दूसरी वजह तकनीकी साक्षरता का असमान स्तर है। कई लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर सुरक्षा के नियमों से अनभिज्ञ हैं। तीसरी वजह है अपराधियों की तकनीकी क्षमता, जो लगातार नये तरीके खोजते हैं जैसे phishing, identity theft और malware attacks। सरकार ने इस चुनौती से निपटने...

भारत में महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था: चुनौतियाँ और समाधान

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत में महिलाओं की सुरक्षा एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा है। समय के साथ सामाजिक जागरूकता बढ़ी है, लेकिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या अभी भी चिंता का विषय बनी हुई है। दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और ऑनलाइन शोषण जैसी घटनाएँ रोज़ाना रिपोर्ट की जा रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, हर दिन सैकड़ों महिलाएँ अपराध का शिकार बनती हैं। ये आंकड़े दिखाते हैं कि महिलाओं की सुरक्षा केवल पुलिस या कानून की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी बन गई है। सरकार ने इस दिशा में कई पहल की हैं। भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष प्रावधान भारतीय दंड संहिता (IPC) में शामिल किए गए हैं। 2013 में दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद, कानून में कड़ा बदलाव किया गया और दंड की सीमा बढ़ाई गई। इसके अलावा, महिला हेल्पलाइन, 24×7 चौकसी और ऑनलाइन शिकायत प्रणाली जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गई हैं। “One Stop Centre” और “Mahila Police Volunteer” जैसी पहल महिलाओं को सुरक्षा, कानूनी और मानसिक सहायता प्रदान करती हैं। हालांकि, ...

भारत में बढ़ते अपराध की स्थिति: कानून व्यवस्था और सामाजिक बदलाव के बीच बढ़ती चुनौती

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत एक विशाल और विविधता से भरा देश है, जहाँ सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अंतर बहुत गहरे हैं। इन विविधताओं के बीच एक ऐसी समस्या है जो हर राज्य, हर शहर और हर वर्ग को प्रभावित कर रही है — वह है बढ़ता अपराध। पिछले कुछ वर्षों में देश में अपराध की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या, लूट, साइबर अपराध, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और नाबालिगों से जुड़े अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यह स्थिति न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि सामाजिक मूल्यों और नागरिक जिम्मेदारी की दिशा में गंभीर सोच की भी मांग करती है। अपराध के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं। बेरोजगारी, गरीबी, नशे की लत, शिक्षा की कमी और डिजिटल युग में बढ़ता सोशल मीडिया प्रभाव इनमें प्रमुख हैं। खासतौर पर युवाओं में अवसरों की कमी और सामाजिक दबाव उन्हें गलत रास्तों की ओर धकेल रहा है। छोटे शहरों और कस्बों में अपराध की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, जहाँ आर्थिक असमानता और भ्रष्टाचार अपराधियों को संरक्षण प्रदान करते हैं। कई बार अपराध राजनीत...

भारत में बढ़ता विदेशी निवेश: वैश्विक कंपनियों की पहली पसंद क्यों बन रहा है भारत

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत आज वैश्विक निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बन चुका है। दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियाँ भारत में तेजी से निवेश कर रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है भारत की स्थिर आर्थिक नीतियाँ, विशाल उपभोक्ता बाजार, और तेज़ी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था। कोविड-19 महामारी के बाद जब दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएँ धीमी पड़ गईं, तब भी भारत ने अपने विकास की रफ्तार को कायम रखा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। इस सकारात्मक माहौल का असर यह हुआ है कि विदेशी निवेशक भारत को सुरक्षित और लाभकारी बाजार के रूप में देखने लगे हैं। सरकारी नीतियों ने भी विदेशी निवेश आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई है। “मेक इन इंडिया”, “ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस”, “डिजिटल इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” जैसे अभियानों ने निवेशकों के लिए माहौल को सरल और पारदर्शी बनाया है। भारत ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) से जुड़े नियमों को भी उदार बनाया है। अब कई सेक्टरों में 100% FDI की अनुमति है, जैसे—ई-कॉमर्स, डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, इंफ्र...

भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी: विकास दर से लेकर वैश्विक निवेश तक, जानिए भारत की आर्थिक मजबूती के कारण

मोहित गौतम (दिल्ली) :  भारत की अर्थव्यवस्था आज दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुकी है। पिछले कुछ वर्षों में कोविड-19 महामारी, वैश्विक मंदी और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी कई चुनौतियों के बावजूद भारत ने अपनी विकास दर को न सिर्फ संभाला बल्कि कई विकसित देशों को पीछे छोड़ दिया। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक दोनों ने ही भारत की GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को ऊँचा रखा है। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की विकास दर 7% से अधिक रहने की संभावना जताई जा रही है, जो चीन, अमेरिका और यूरोप जैसे देशों से कहीं आगे है। यह तेजी केवल सांख्यिकीय आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक नीतियों, उद्यमिता और तकनीकी प्रगति का परिणाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने “मेक इन इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” जैसे अभियानों के माध्यम से न केवल विदेशी निवेश आकर्षित किया है, बल्कि घरेलू उद्योगों को भी सशक्त बनाया है। पिछले कुछ वर्षों में भारत में रिकॉर्ड संख्या में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स उभरे हैं, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। इ...

उत्तर कोरिया की रहस्यमयी नीतियां: बंद सीमाओं के भीतर क्या चल रहा है?

मोहित गौतम (दिल्ली) :  उत्तर कोरिया दुनिया के उन कुछ देशों में से है, जहां बाहर की दुनिया को अंदर झाँकने की लगभग कोई अनुमति नहीं है। इस देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को लेकर दुनिया भर में रहस्य बना हुआ है। हाल ही में उत्तर कोरिया की गतिविधियों—जैसे मिसाइल परीक्षण, सख्त इंटरनेट नियंत्रण और सीमित विदेशी संपर्क—ने फिर से अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा है। उत्तर कोरिया में शासन पूरी तरह केंद्रीकृत है और “किम जोंग उन” के नेतृत्व में सभी फैसले एक ही सत्ता केंद्र से लिए जाते हैं। आम जनता पर सरकारी नियंत्रण इतना कड़ा है कि नागरिकों के लिए बाहर की खबरें जानना या देश छोड़ना लगभग असंभव है। राज्य द्वारा जारी की जाने वाली सूचनाओं पर पूर्ण सेंसरशिप लागू है, जबकि स्वतंत्र पत्रकारिता और सोशल मीडिया पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। अर्थव्यवस्था भी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से जूझ रही है। व्यापार पर लगी पाबंदियों के कारण आम लोगों की जीवनशैली प्रभावित होती है। अनुमान है कि कई क्षेत्रों में खाद्य संकट बना रहता है, लेकिन इस पर आधिकारिक डेटा शायद ही कभी सार्वजनिक किया जाता है। उत्तर कोरिया की सै...

बिजली या पानी के बिल में गड़बड़ी मिले तो कानूनी तरीके से सुधार कैसे करवाएं

मोहित गौतम (दिल्ली) :  अक्सर ऐसा होता है कि घर या दुकान का बिजली या पानी का बिल अचानक बहुत ज़्यादा आ जाता है, जबकि खपत सामान्य रहती है। कई बार बिल में पुराने बकायों की गलत एंट्री या मीटर रीडिंग की त्रुटि के कारण यह समस्या पैदा होती है। ऐसे में उपभोक्ता के पास कानूनी और प्रशासनिक दोनों स्तर पर अपने अधिकार सुरक्षित रखने के विकल्प मौजूद हैं। सबसे पहले, उपभोक्ता को बिल जारी करने वाले विभाग – चाहे वह बिजली वितरण कंपनी (जैसे BSES, Tata Power, UPPCL) हो या नगर निगम का जल विभाग – से लिखित रूप में शिकायत करनी चाहिए। शिकायत में उपभोक्ता नंबर, बिल नंबर, मीटर रीडिंग की फोटो और पुरानी बिल की कॉपी संलग्न करें। यह शिकायत विभागीय उपभोक्ता सेवा केंद्र या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जा सकती है। कई राज्यों में यह सुविधा मोबाइल ऐप के जरिए भी उपलब्ध है। अगर विभाग निर्धारित समय सीमा में कार्रवाई नहीं करता या गलती को सुधारने से इनकार करता है, तो उपभोक्ता “विद्युत नियामक आयोग” या “राज्य उपभोक्ता आयोग” में शिकायत दर्ज करा सकता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत बिजली और पानी जैसी सेवाएँ “सेवा” क...