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ट्रैफिक चालान: पुलिस कब काट सकती है, कब नहीं? जानिए नियम और कानून

मोहित गौतम (दिल्ली) : भारत में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिस चालान काट सकती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके भी कुछ कानूनी दायरे और नियम तय हैं? अक्सर लोग चालान के डर से बहस नहीं करते, जबकि हर नागरिक को जानना चाहिए कि किस स्थिति में चालान वैध है और कब नहीं।

मोटर व्हीकल एक्ट, 1988 (Motor Vehicles Act) और इसमें 2019 में हुए संशोधनों के बाद ट्रैफिक पुलिस को काफी अधिकार दिए गए हैं। लेकिन चालान करते समय पुलिस को कुछ कानूनी शर्तें पूरी करनी होती हैं। मसलन, चालान तभी वैध माना जाएगा जब उसे ड्यूटी पर मौजूद अधिकृत अधिकारी द्वारा काटा जाए और उसके पास चालान बुक या इ‑चालान डिवाइस हो।


कौन चालान कर सकता है?

धारा 200 और धारा 210 के तहत, चालान वही पुलिसकर्मी कर सकता है जिसे राज्य सरकार या ट्रैफिक विभाग ने अधिकृत किया हो। आमतौर पर ये ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर, सब‑इंस्पेक्टर या ट्रैफिक हवलदार होते हैं, जिनके पास चालान बुक या हैंड‑हेल्ड डिवाइस होना ज़रूरी है।

साधारण पुलिस (जैसे थाने की बीट पुलिस) चालान तभी कर सकती है, जब उसे विशेष रूप से अधिकृत किया गया हो। नियमों के मुताबिक, चालान की रसीद देना भी ज़रूरी है।


कब चालान नहीं काटा जा सकता?

  • अगर पुलिसकर्मी बिना यूनिफॉर्म के हो

  • अगर उसके पास वैध चालान बुक या ई‑चालान मशीन न हो

  • अगर गाड़ी का कोई दस्तावेज़ जब्त किया हो, तो उसी वजह से दोबारा चालान नहीं कर सकते (Double penalty नहीं)

  • रात 10 बजे के बाद अकेली महिला ड्राइवर को पुरुष पुलिसकर्मी सिर्फ़ महिला पुलिसकर्मी की मौजूदगी में ही रोक सकते हैं


कौन‑सी धाराएँ लागू होती हैं?

  • मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 177: सामान्य ट्रैफिक उल्लंघन के लिए जुर्माना

  • धारा 184: खतरनाक ड्राइविंग पर सख्त कार्रवाई

  • धारा 185: शराब पीकर गाड़ी चलाने पर

  • धारा 129/194D: हेलमेट या सीट बेल्ट न पहनने पर

  • धारा 130: गाड़ी के कागजात दिखाने की ज़िम्मेदारी ड्राइवर की


क्या करना चाहिए?

अगर आपको लगता है कि चालान गलत हुआ है, तो आप ट्रैफिक कोर्ट या ऑनलाइन पोर्टल पर अपील कर सकते हैं। इसके लिए चालान की कॉपी, गाड़ी के दस्तावेज़ और घटना के सबूत ज़रूर रखें।

नियम जानना ज़रूरी है, ताकि आप अपने अधिकारों को सही ढंग से इस्तेमाल कर सकें और बेवजह जुर्माने से बच सकें।

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