उत्तर कोरिया की रहस्यमयी नीतियां: बंद सीमाओं के भीतर क्या चल रहा है?
मोहित गौतम (दिल्ली) : उत्तर कोरिया दुनिया के उन कुछ देशों में से है, जहां बाहर की दुनिया को अंदर झाँकने की लगभग कोई अनुमति नहीं है। इस देश की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को लेकर दुनिया भर में रहस्य बना हुआ है। हाल ही में उत्तर कोरिया की गतिविधियों—जैसे मिसाइल परीक्षण, सख्त इंटरनेट नियंत्रण और सीमित विदेशी संपर्क—ने फिर से अंतरराष्ट्रीय ध्यान खींचा है।
उत्तर कोरिया में शासन पूरी तरह केंद्रीकृत है और “किम जोंग उन” के नेतृत्व में सभी फैसले एक ही सत्ता केंद्र से लिए जाते हैं। आम जनता पर सरकारी नियंत्रण इतना कड़ा है कि नागरिकों के लिए बाहर की खबरें जानना या देश छोड़ना लगभग असंभव है। राज्य द्वारा जारी की जाने वाली सूचनाओं पर पूर्ण सेंसरशिप लागू है, जबकि स्वतंत्र पत्रकारिता और सोशल मीडिया पूरी तरह प्रतिबंधित हैं।
अर्थव्यवस्था भी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से जूझ रही है। व्यापार पर लगी पाबंदियों के कारण आम लोगों की जीवनशैली प्रभावित होती है। अनुमान है कि कई क्षेत्रों में खाद्य संकट बना रहता है, लेकिन इस पर आधिकारिक डेटा शायद ही कभी सार्वजनिक किया जाता है।
उत्तर कोरिया की सैन्य नीति भी विवादों में रहती है। हाल के महीनों में किए गए मिसाइल परीक्षणों ने पड़ोसी देशों—जापान और दक्षिण कोरिया—के साथ तनाव बढ़ाया है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र लगातार संयम की अपील करते हैं, लेकिन उत्तर कोरिया अपनी रक्षा नीतियों को “राष्ट्रीय संप्रभुता” का मामला मानता है।
यह सवाल आज भी अनुत्तरित है कि आखिर उत्तर कोरिया कब तक अपनी बंद सीमाओं और गुप्त नीतियों को कायम रख पाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि इंटरनेट युग में इतनी सख्त सूचना-नियंत्रण नीति लंबे समय तक नहीं चल पाएगी। फिर भी, उत्तर कोरिया अब भी अपने “गोपनीय शासन मॉडल” को दुनिया के सामने कायम रखे हुए है।