कानून सबके लिए: जानिए भारतीय दंड संहिता की कुछ अहम धाराएँ जो हर नागरिक को पता होनी चाहिए
मोहित गौतम (दिल्ली) : कभी झगड़ा हो, चोरी हो जाए या सड़क हादसा – आम ज़िंदगी में कई बार ऐसे हालात आ सकते हैं जहाँ कानून की जानकारी बेहद काम आती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय दंड संहिता (IPC) की कुछ प्रमुख धाराएँ हर नागरिक को पता होनी चाहिए ताकि ज़रूरत के वक्त कानूनी अधिकारों की रक्षा हो सके और सही कदम उठाया जा सके।
⚖️ 1️⃣ IPC धारा 144: निषेधाज्ञा
जब किसी इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगाती है, तो इसे धारा 144 कहते हैं। इस दौरान चार या उससे ज्यादा लोग सार्वजनिक जगह पर इकट्ठा नहीं हो सकते।
⚖️ 2️⃣ IPC धारा 326: गम्भीर चोट पहुँचाना
अगर कोई व्यक्ति किसी को धारदार हथियार से या खतरनाक तरीके से गम्भीर चोट पहुँचाता है, तो ये अपराध धारा 326 के तहत आता है और इसमें सख्त सज़ा का प्रावधान है।
⚖️ 3️⃣ IPC धारा 498A: दहेज उत्पीड़न
महिलाओं को ससुराल वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित करने या हिंसा करने पर ये धारा लागू होती है। इसमें गिरफ्तारी और कड़ी सज़ा का प्रावधान है।
⚖️ 4️⃣ IPC धारा 307: हत्या का प्रयास
अगर कोई व्यक्ति किसी की हत्या करने की कोशिश करता है, भले ही हत्या न हो, तो उस पर धारा 307 के तहत मुकदमा चलता है।
⚖️ 5️⃣ IPC धारा 354: महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला
छेड़छाड़, अश्लील हरकत या जबरन पकड़ने जैसे मामलों में ये धारा लागू होती है। इसमें कड़ी सज़ा का प्रावधान है।
⚖️ 6️⃣ IPC धारा 379: चोरी
चोरी करने पर ये धारा लगती है, जिसमें जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है।
⚖️ 7️⃣ IPC धारा 420: धोखाधड़ी
जानबूझकर किसी को ठगने या फर्जी दस्तावेज़ से फायदा उठाने पर ये धारा लागू होती है। इसमें भी सख्त सज़ा है।
✅ निष्कर्ष
भारत का कानून आम नागरिक की सुरक्षा और न्याय के लिए ही बना है। बुनियादी धाराओं की जानकारी रखने से हम खुद को और दूसरों को गलत से बचा सकते हैं और सही समय पर सही कदम उठा सकते हैं। कानून जानना सिर्फ वकीलों की ज़रूरत नहीं, बल्कि हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।