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ड्रग्स केस में NDPS Act क्या कहता है और बेगुनाह कैसे अपनी सफाई दे सकता है?

मोहित गौतम (दिल्ली) : भारत में मादक पदार्थों (Drugs) की तस्करी और सेवन को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाया है — NDPS Act (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act), 1985। इस कानून का मकसद है कि कोई भी व्यक्ति ड्रग्स का उत्पादन, व्यापार, सेवन या परिवहन न करे। लेकिन कई बार निर्दोष लोग भी ऐसे मामलों में फँस जाते हैं। इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि यह कानून क्या कहता है और अगर कोई बेगुनाह फँस जाए तो वह अपनी सफाई कैसे दे सकता है।

NDPS Act क्या है और कब लागू होता है?
यह कानून उन सभी अपराधों पर लागू होता है जो मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त, सेवन या तस्करी से जुड़े हों। NDPS Act के तहत किसी व्यक्ति के पास ड्रग्स पाए जाने पर तुरंत गिरफ्तारी हो सकती है। दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की सज़ा और भारी जुर्माना (1 लाख रुपये या उससे अधिक) लगाया जा सकता है। बड़ी मात्रा में तस्करी के मामलों में सज़ा 20 साल तक भी हो सकती है।

जांच और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
NDPS Act के तहत गिरफ्तारी और तलाशी की प्रक्रिया बहुत सख्त है। पुलिस या नारकोटिक्स ब्यूरो को किसी व्यक्ति की तलाशी लेने या गिरफ्तारी करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना होता है —

  • तलाशी के दौरान दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी अनिवार्य है।

  • तलाशी से पहले आरोपी को यह अधिकार है कि वह किसी Gazetted Officer या Magistrate की उपस्थिति में तलाशी की मांग कर सकता है।

  • जब्ती की पूरी प्रक्रिया लिखित रूप में दर्ज की जानी चाहिए।

अगर कोई बेगुनाह फँस जाए तो क्या करें?
कई बार पुलिस या जांच एजेंसियाँ गलत पहचान या बिना सबूत के लोगों को आरोपी बना देती हैं। ऐसे में व्यक्ति निम्न कदम उठा सकता है:

  1. कानूनी सहायता लें: तुरंत किसी अनुभवी आपराधिक वकील (Criminal Lawyer) से संपर्क करें।

  2. गवाह और साक्ष्य जुटाएँ: साबित करें कि आप ड्रग्स के कब्जे या सौदे से जुड़े नहीं थे।

  3. अवैध जब्ती को चुनौती दें: अगर तलाशी या जब्ती की प्रक्रिया NDPS Act की धारा 42, 43 या 50 के तहत सही तरीके से नहीं हुई, तो केस कमजोर किया जा सकता है।

  4. Medical Test और Location Proof: अगर यह साबित हो कि आप उस वक्त मौके पर मौजूद नहीं थे, तो यह बचाव का मजबूत आधार बन सकता है।

न्यायिक दृष्टिकोण
सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में कहा है कि NDPS Act में सबूत का मानक बेहद ऊँचा होना चाहिए, क्योंकि यह कानून कठोर सज़ा देता है। आरोपी को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए यदि जांच में प्रक्रियागत त्रुटि हो।

निष्कर्ष
NDPS Act का उद्देश्य समाज से मादक पदार्थों की बुराई को मिटाना है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि निर्दोष व्यक्तियों को न्याय मिले। जागरूकता, कानूनी सलाह और सही दस्तावेज़ों के ज़रिए कोई भी बेगुनाह अपनी सफाई पेश कर सकता है।

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