ड्रग्स केस में NDPS Act क्या कहता है और बेगुनाह कैसे अपनी सफाई दे सकता है?
मोहित गौतम (दिल्ली) : भारत में मादक पदार्थों (Drugs) की तस्करी और सेवन को रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाया है — NDPS Act (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act), 1985। इस कानून का मकसद है कि कोई भी व्यक्ति ड्रग्स का उत्पादन, व्यापार, सेवन या परिवहन न करे। लेकिन कई बार निर्दोष लोग भी ऐसे मामलों में फँस जाते हैं। इसलिए यह समझना ज़रूरी है कि यह कानून क्या कहता है और अगर कोई बेगुनाह फँस जाए तो वह अपनी सफाई कैसे दे सकता है।
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तलाशी के दौरान दो स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी अनिवार्य है।
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तलाशी से पहले आरोपी को यह अधिकार है कि वह किसी Gazetted Officer या Magistrate की उपस्थिति में तलाशी की मांग कर सकता है।
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जब्ती की पूरी प्रक्रिया लिखित रूप में दर्ज की जानी चाहिए।
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कानूनी सहायता लें: तुरंत किसी अनुभवी आपराधिक वकील (Criminal Lawyer) से संपर्क करें।
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गवाह और साक्ष्य जुटाएँ: साबित करें कि आप ड्रग्स के कब्जे या सौदे से जुड़े नहीं थे।
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अवैध जब्ती को चुनौती दें: अगर तलाशी या जब्ती की प्रक्रिया NDPS Act की धारा 42, 43 या 50 के तहत सही तरीके से नहीं हुई, तो केस कमजोर किया जा सकता है।
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Medical Test और Location Proof: अगर यह साबित हो कि आप उस वक्त मौके पर मौजूद नहीं थे, तो यह बचाव का मजबूत आधार बन सकता है।