नरेंद्र मोदी का नेतृत्व: भारत के विकास की नई दिशा और जनकल्याण की सोच
मोहित गौतम (दिल्ली) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम आज विश्व राजनीति में नेतृत्व, दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि का प्रतीक बन चुका है। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से उन्होंने देश की दिशा और सोच दोनों में एक ऐतिहासिक परिवर्तन लाया है। जहाँ पहले सरकारें योजनाएँ बनाती थीं, वहीं मोदी के नेतृत्व में भारत ने योजनाओं को ज़मीनी हकीकत में बदला है। उनका शासन केवल सत्ता तक सीमित नहीं, बल्कि एक "जन-आंदोलन" बन चुका है — जिसमें हर नागरिक देश के विकास में भागीदार है।

नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी अच्छाई यह है कि वे जन-संवाद और जन-संपर्क की ताकत को समझते हैं। वे केवल प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक से सीधे जुड़ने वाले नेता हैं। “मन की बात” कार्यक्रम इसका सबसे सशक्त उदाहरण है, जिसने करोड़ों लोगों को सरकार की नीतियों से जोड़ा और देश को एक नई सोच दी।
गरीबों के उत्थान और सबका साथ, सबका विकास की नीति ने मोदी सरकार को जनता के बीच लोकप्रिय बनाया। प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं ने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक विकास की रोशनी पहुँचाई है। उनकी सोच हमेशा रही है — “सरकार का हर निर्णय जनता के जीवन को आसान बनाए।”
डिजिटल इंडिया मिशन ने भारत की छवि को पूरी तरह बदल दिया। आज गाँव-गाँव में डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन सेवाएँ और इंटरनेट की पहुँच संभव हो पाई है। जहाँ कभी लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, आज वही काम मोबाइल फोन पर एक क्लिक में हो जाता है। यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, नरेंद्र मोदी ने भारत की छवि को नई ऊँचाई दी है। अमेरिका से लेकर जापान, रूस से लेकर अफ्रीका तक — हर मंच पर भारत की आवाज़ सुनी जा रही है। उनके नेतृत्व में भारत “विश्व गुरु” बनने की दिशा में अग्रसर है। मोदी की विदेश नीति का मूल मंत्र है — “राष्ट्रहित सर्वोपरि।” उन्होंने विश्व के नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाकर भारत के पक्ष को मजबूत किया है। चाहे G20 की अध्यक्षता हो या चंद्रयान-3 की सफलता — इन उपलब्धियों ने भारत को विश्व के अग्रणी देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
राष्ट्रवाद और आत्मनिर्भरता के प्रति मोदी का दृष्टिकोण उन्हें एक दूरदर्शी नेता बनाता है। “आत्मनिर्भर भारत” का सपना केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता तक सीमित नहीं, बल्कि यह सांस्कृतिक और वैज्ञानिक स्वतंत्रता की दिशा में भी कदम है। उन्होंने हर भारतीय को यह विश्वास दिलाया कि “हम किसी से कम नहीं।” Make in India, Vocal for Local और Startup India जैसी योजनाओं ने देश के युवाओं को सशक्त बनाया है।
सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर भी मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। सीमाओं की सुरक्षा से लेकर रक्षा उद्योग के स्वदेशीकरण तक, भारत अब आत्मनिर्भर बन चुका है। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक ने दुनिया को दिखाया कि भारत अब अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी मोदी का योगदान उल्लेखनीय रहा है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान ने समाज की सोच को बदला, वहीं मातृत्व लाभ और कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के नए नियमों ने उन्हें समान अधिकार दिलाने की दिशा में मजबूत आधार दिया।
स्वच्छ भारत मिशन मोदी की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता का प्रतीक है। खुले में शौच से मुक्त भारत बनाने का उनका संकल्प केवल स्वास्थ्य सुधार नहीं था, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन था। उनके नेतृत्व में देश में साफ-सफाई को लेकर जो जन-जागरूकता फैली, वह किसी आंदोलन से कम नहीं थी।
नरेंद्र मोदी की अच्छाई यह भी है कि वे कठिन निर्णय लेने से नहीं डरते। नोटबंदी, GST, या अनुच्छेद 370 का हटाया जाना — इन सब कदमों ने दिखाया कि वे देशहित में कठिन फैसले लेने में पीछे नहीं हटते। उनके हर कदम के पीछे दीर्घकालिक सोच और राष्ट्रहित की भावना स्पष्ट दिखती है।
2025 और उसके बाद का भारत, मोदी के विज़न पर आगे बढ़ता हुआ दिख रहा है — एक ऐसा भारत जो आत्मनिर्भर, डिजिटल, स्वच्छ, और सशक्त है। नरेंद्र मोदी ने यह साबित किया है कि जब नेतृत्व ईमानदार, निश्चयी और समर्पित हो, तो देश की तकदीर बदल सकती है।
उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे जनता को प्रेरित करते हैं, केवल भाषणों से नहीं बल्कि उदाहरण से। वे खुद अनुशासन, समयपालन और देशभक्ति के प्रतीक हैं। यही वजह है कि उन्हें आज विश्व के सबसे प्रभावशाली नेताओं में गिना जाता है।
नरेंद्र मोदी का नेतृत्व केवल वर्तमान का नहीं, बल्कि भविष्य का निर्माण कर रहा है। उनका संदेश स्पष्ट है — “देश तभी बदलेगा, जब हर नागरिक जिम्मेदारी से काम करेगा।” यही सोच भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में अग्रसर कर रही है।