दहेज उत्पीड़न और IPC धारा 498A: महिलाओं के अधिकार और कानूनी प्रावधान
मोहित गौतम (दिल्ली) : भारत में दहेज प्रथा आज भी एक गंभीर सामाजिक समस्या है। दहेज के कारण न केवल महिलाओं का शोषण होता है बल्कि कई बार उनकी जान तक चली जाती है। इसी समस्या से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) में धारा 498A को जोड़ा गया। यह धारा महिलाओं को विवाह के बाद होने वाले मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाई गई है।
कानूनी प्रक्रिया
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पीड़िता थाने में FIR दर्ज करा सकती है।
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मामला अदालत में जाता है, जहां साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर सुनवाई होती है।
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दोषी साबित होने पर आरोपी को सज़ा दी जाती है।
महिलाओं के अधिकार
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उत्पीड़न की शिकायत सीधे पुलिस थाने या महिला हेल्पलाइन (1091) पर की जा सकती है।
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कई राज्यों में महिला प्रकोष्ठ (Mahila Thana) और Legal Aid Services मुफ्त सहायता देती हैं।
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घरेलू हिंसा अधिनियम (Domestic Violence Act, 2005) के तहत महिला संरक्षण आदेश और सुरक्षा की मांग भी कर सकती है।