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बैंक में पैसे फंस जाएं तो क्या करें? उपभोक्ता के अधिकार और कानूनी उपाय

मोहित गौतम (दिल्ली) : अक्सर देखा गया है कि बैंकिंग लेन-देन के दौरान कई बार लोगों के पैसे खाते से कट जाते हैं लेकिन लाभार्थी तक नहीं पहुंचते। कभी-कभी एटीएम से पैसे न निकलकर भी खाते से डेबिट हो जाते हैं या फिर ऑनलाइन ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है। ऐसी स्थिति में आम जनता को यह जानना ज़रूरी है कि उनके अधिकार क्या हैं और पैसे वापस पाने के लिए कानूनी उपाय कौन से हैं।

सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों को ग्राहकों की शिकायतों के निपटारे के लिए सख्त नियम बनाए हैं। अगर एटीएम से पैसे कटे और कैश नहीं मिला तो बैंक को सात कार्यदिवस के भीतर पैसा वापस करना अनिवार्य है। इसी तरह, ऑनलाइन भुगतान फेल होने पर भी बैंक या संबंधित भुगतान गेटवे को समय पर पैसा लौटाना पड़ता है।

ग्राहक का पहला कदम होना चाहिए कि वह तुरंत अपने बैंक को शिकायत दर्ज कराए और ट्रांजैक्शन का विवरण लिखित रूप में जमा करे। यदि बैंक शिकायत का समाधान निर्धारित समय (30 दिन) के भीतर नहीं करता है, तो उपभोक्ता Banking Ombudsman के पास ऑनलाइन या ऑफलाइन शिकायत कर सकता है।

इसके अलावा, यदि समस्या फिर भी हल न हो, तो ग्राहक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत उपभोक्ता अदालत में मामला दर्ज कर सकता है। अदालत बैंक को मुआवजा देने और सेवा में सुधार के निर्देश दे सकती है।

इससे स्पष्ट है कि बैंकिंग में किसी तरह की गड़बड़ी होने पर घबराने की बजाय, अपने अधिकारों की जानकारी रखते हुए उचित प्रक्रिया का पालन करना ज़रूरी है। जागरूकता ही उपभोक्ता की सबसे बड़ी ताकत है।

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