लद्दाख में हिंसा के बाद केंद्र सरकार एक्टिव मोड में — दिल्ली से भेजा दूत, समीक्षात्मक बैठकें
मोहित गौतम (दिल्ली) : लद्दाख में हाल की हिंसा के बाद केंद्र सरकार ने खामोशी तोड़ी है। सरकार ने दिल्ली से एक विशेष प्रतिनिधि भेजा है, जो संबंधित पक्षों के साथ वार्ता करेगा और हालात को नियंत्रित करने के उपाय सुझाएगा। इस बीच, उपराज्यपाल के नेतृत्व में समीक्षा बैठक भी बुलाई गई है जिसमें सुरक्षा एजेंसियों, मुख्यमंत्री, पुलिस और सेना के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
घटना की गंभीरता को देखते हुए यह कार्यवाही इसे सिर्फ स्थानीय विवाद न बनाकर राष्ट्रीय मामला बना देती है। बैठक में यह चर्चा होगी कि किस स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था फेल हुई और किन कारणों से हिंसा इतनी तीव्र हुई। अधिकारी यह भी तय करेंगे कि किन ज़िलों या इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करना है और कौन-से संसाधन तुरंत भेजे जाएँ।
फिलहाल लद्दाख में कर्फ्यू लागू है। कई इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिए गए हैं ताकि कोई अफवाह न फैले। लोगों को आवश्यक सामान लेने की अनुमति दी गई है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में आवाजाही सीमित है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वे आश्रित नागरिकों की सुरक्षा और राहत को सुनिश्चित करें।
यह कदम कुछ इस तरह लिया गया है कि हिंसा का हल सिर्फ दमन न बने, बल्कि समस्या की जड़ तक पहुँच कर समाधान हो। रक्षा बलों, नागरिक प्रशासन और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा ताकि शांति बहाल हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं घटें नहीं।