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महिलाओं को पता होना चाहिए: गिरफ्तारी और तलाशी के समय भारतीय कानून में मिले हैं ये खास अधिकार

मोहित गौतम (दिल्ली) : भारत में महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा को ध्यान में रखते हुए कानून ने गिरफ्तारी और तलाशी के समय कुछ विशेष अधिकार दिए हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में कई महिलाएँ इनका लाभ नहीं उठा पातीं। विशेषज्ञों का कहना है कि हर महिला को इन कानूनी अधिकारों की जानकारी ज़रूर होनी चाहिए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में उनका सही इस्तेमाल कर सके।


⚖️ 1️⃣ रात में गिरफ्तारी पर रोक

भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 46 के अनुसार, महिला को सूरज डूबने के बाद और सूरज निकलने से पहले (यानी रात 6 बजे से सुबह 6 बजे तक) गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
केवल बहुत विशेष परिस्थितियों में, जब मजिस्ट्रेट से लिखित अनुमति हो, तभी गिरफ्तारी संभव है।


👮‍♀️ 2️⃣ महिला पुलिसकर्मी ही कर सकती है गिरफ्तारी या तलाशी

कानून के मुताबिक, किसी भी महिला की गिरफ्तारी और तलाशी केवल महिला पुलिस अधिकारी ही कर सकती है। पुरुष पुलिसकर्मी को सीधे तौर पर ऐसा करने की अनुमति नहीं है।


🔒 3️⃣ तलाशी के दौरान गरिमा का सम्मान

तलाशी के दौरान महिला की गरिमा और निजता का ध्यान रखना अनिवार्य है। महिला की तलाशी पूरी तरह से मर्यादित ढंग से होनी चाहिए।


📞 4️⃣ गिरफ्तारी के बाद परिजन को सूचना देने का अधिकार

गिरफ्तारी के बाद महिला को अपने परिवार के किसी सदस्य या मित्र को सूचना देने का कानूनी अधिकार है (CrPC की धारा 50A)।


⚖️ 5️⃣ बच्चों के साथ गिरफ्तार महिला के लिए विशेष प्रावधान

अगर महिला के साथ छोटा बच्चा है (6 साल तक का), तो उसे भी विशेष देखभाल के प्रावधान मिलते हैं और उसकी जरूरतों का ध्यान रखा जाता है।


निष्कर्ष

ये अधिकार सिर्फ कागज़ पर नहीं, बल्कि हर महिला की हिफाज़त के लिए हैं। ज़रूरी है कि महिलाएँ इन अधिकारों को जानें, समझें और ज़रूरत पड़ने पर निडर होकर उनका इस्तेमाल करें।

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