ऑनलाइन ठगी का नया जाल: फर्जी कॉल, OTP स्कैम और बचाव के आसान तरीके
मोहित गौतम (दिल्ली) : डिजिटल लेन‑देन के बढ़ते चलन के साथ‑साथ फ्रॉड कॉल्स और OTP स्कैम के मामले भी तेज़ी से बढ़ रहे हैं। साइबर ठग खुद को बैंक कर्मचारी, सरकारी अफसर या किसी कंपनी का प्रतिनिधि बताकर लोगों से OTP और निजी जानकारी हासिल कर खाते खाली कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी‑सी सतर्कता से इन ठगों की चाल को नाकाम किया जा सकता है।
📞 कैसे फँसाते हैं ठग?
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फर्जी कॉल: अपराधी खुद को बैंक या UPI कंपनी से बताकर कहते हैं कि आपका खाता बंद हो जाएगा या KYC अपडेट करनी है।
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OTP स्कैम: लिंक भेजकर या ऐप इंस्टॉल कराकर OTP माँगते हैं और फिर खाते से पैसे उड़ा लेते हैं।
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स्क्रीन शेयरिंग ऐप: मदद के नाम पर लोगों से ऐसा ऐप डाउनलोड कराते हैं, जिससे वो मोबाइल या कंप्यूटर को रिमोट से कंट्रोल कर पाते हैं।
✅ कैसे बचें इनसे?
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OTP, पासवर्ड या डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी से शेयर न करें — चाहे वो खुद को बैंक का ही क्यों न बताए।
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अनजान लिंक या ऐप डाउनलोड न करें।
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बैंक या सरकारी संस्था कभी कॉल, SMS या ईमेल से आपकी पर्सनल जानकारी नहीं माँगती।
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कॉल पर डराने या जल्दबाज़ी कराने की कोशिश हो तो सतर्क हो जाएँ।
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संदिग्ध कॉल की तुरंत रिपोर्ट करें: साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर।
⚠️ बुजुर्ग और बच्चों को भी समझाएँ
ठग ज़्यादातर बुजुर्गों और इंटरनेट पर कम अनुभव रखने वालों को निशाना बनाते हैं। परिवार में सभी को इन स्कैम्स के बारे में बताना ज़रूरी है।
🔒 निष्कर्ष
ऑनलाइन ठगी के तरीके बदलते रहते हैं, लेकिन सतर्क रहकर, बिना सोचे‑समझे OTP या पर्सनल डिटेल्स शेयर न कर, हम इन अपराधियों से खुद को बचा सकते हैं। डिजिटल दुनिया में सुरक्षा, हमारी ज़िम्मेदारी भी है।